Labels

Wednesday 8 April 2020

कोरोना में Quarantine

कोरोना वायरस उतना खतरनाक नहीं है जितना हम उसे बना रहे हैं। बिल्कुल, यह एक तेज़ी से फ़ैलता हुआ वायरस है जिस पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है लेकिन इसकी वजह सिर्फ़ यह नहीं है कि यह लाइलाज है या हम इसकी फ़ैलने की गति कम करना नहीं जानते । सबसे बड़ी वजह यह है कि हम इसे फ़ैलने दे रहे हैं, ना सिर्फ़ यह हम अनजान बनकर इसे फ़ैलाने में पूरा सहयोग दे रहे हैं। और यह मैं हवा में तुक्का लगाकर नहीं कह रही हूँ। यहाँ मुम्बई में रोज़ लोगों को 'आईसोलेशन' शब्द की अव्हेलना करते हुए देखकर कह रही हूँ।

सरकार ने एक लिस्ट जारी की है जिस में साफ़ साफ़ दिया गया है कि essential और non-essential विभाग कौन से हैं, किन्हें work from home की सुविधा मिल सकती है और कौन कम manpower में काम कर सकते हैं। अगर आप non-essential विभाग में हैं तो अब तक आपको work from home मिल चुका होगा और आप अपने घर से ऑफ़िस का काम कर रहे होंगे कई दिनों से, अगर आप student हैं तो आपके स्कूल, कॉलेज बन्द हो गए होंगे। आप कई दिनों से घर पर होंगे, समय काटते हुए, पर आपके घर में पानी समय पर आ रहा है, बिजली भी पहले की तरह है, सफ़ाई हो रही है बाहर, कहीं ज़रुरी काम से जाना हो तो बस, ऑटो, ट्रेन, हवाई यात्रा सब तो कर सकते हैं आप। और तो और घर में राशन या सब्ज़ी खत्म हो जाए तो आप आराम से बाहर जाकर ला सकते हैं, बाज़ार खुला है। बीमार पड़ जाएँ तो डॉक्टर अभी भी 24 घन्टे उप्लब्ध हैं।

कभी सोचा है घर पर रहते हुए आपको बिजली, पानी, सफ़ाई, यातायात, राशन, किराना, स्वास्थ्य सेवाएँ पहले की तरह सब कुछ कैसे मिल रहा है। कैसे आप जब मन चाहे इन सेवाओं का लाभ उठा पा रहे हैं। क्योंकि आपके लिये इस पूरे सिस्टम को चलाने वाले लाखों लोग ऐसे हैं जिन्हें work from home की सुविधा नहीं मिली है। ये लोग रोज़ घर से निकलकर, खतरे का सामना करते हुए आपके quarantine period को बिना रुकावट चलने दे रहे हैं। आप जहाँ घर पर बोर हो रहे हैं, शिकायतें कर रहे हैं, सिस्टम कैसे चलना चाहिए इस पर अपनी राय दे रहे हैं, क्योंकि आप घर के अंदर 'safe' hain, वहाँ ये सभी लोग इन सब बातों को सोच ही नहीं पा रहे हैं। क्योंकि इनके लिये अब भी ज़िन्दगी थमी नहीं है, ज़्यादा तेज़ चलने लगी है। हाँ कई sectors में कमी आई है पर कईयों के लिये काम बढ़ गया है। काम के साथ अब सुरक्षा की ज़िम्मेदारी बढ़ गई है। सुरक्षा, खुद की, परिवार की, आस पास वालों की और उनकी जिनके लिए वे काम कर रहे हैं। क्योंकि इस सुरक्षा में सेंध लगने से सब बिखर जाएगा यह वे लोग जानते हैं। तो एक तरह से उन पर ज़िम्मेदारी कई गुना बढ़ गई है।

हमने स्कूल की किताबों में fundamental rights यानि अधिकारों के बारे में पढ़ा था और सच मानें तो आजकल सब अधिकारों की ही बात करते हैं। क्या किसी को याद है कि वहाँ fundamental duties यानि कर्तव्य भी पढ़ाए गए थे। हाँ वही कर्तव्य जो हम एक नागरिक के तौर पर भूल गए हैं। एक समाज में रहने के नैतिक कर्तव्य जिम्मेदारियाँ निभाने के लिए। कितने लोग आज अपने कर्तव्यों के लिए लड़ते हैं। अब आप यह सोचिए कि आप अपने घर में बैठकर अथाह समय का उपयोग किसी भी प्रकार करें पर आपका नैतिक कर्तव्य क्या है इस कठिन समय में। अब आपके लिए जीवन सिर्फ़ इतना बदला है कि आप बाहर की दुनिया अपने हिसाब से नहीं घूम सकते। Essential services में लगे मेरी तरह और कई लोग हैं। हमारा काम किसी कोरोना की वजह से नहीं रुकेगा। एक बीमार हुआ तो किसी और को आकर करना पड़ेगा क्योंकि हमें यह सुनिश्चित करना है कि आप जैसे लोगों को quarantine period में कोई असुविधा ना हो। मैं फ़िर भी मुम्बई एअरपोर्ट पर अथॉरिटी में हूँ मुझे कुछ सुविधाएँ मिल जाती हैं। मैं अपनी सुरक्षा करने की कोशिश भी कर रही हूँ काम पर जाते हुए। मेरी ही पहचान के कई लोग पॉवर, रेल्वे, पेट्रोलियम से जुड़े sectors में हैं जिनका काम जारी है पर हम फ़िर भी सुरक्षित हैं।

और अब आप उन लोगों के बारे में सोचिए जिनके पास basic facilities नहीं हैं, जो गरीब तबके के हैं, आपके लिए रोज़ खतरा उठा रहे हैं और आपके सारे काम चलने दे रहे हैं। आप की भाषा में janitors, pumping station workers, electricians और भी कई लोग। इनके पास ना इतना समय है कि आपकी opinions पढ़ें ना ही इतना सुकून। इनमें से कई daily wage workers होते हैं जो ऐसे समय में भी अपना काम चलाने की कोशिश कर रहे हैं, सारे सुरक्षा नियमों से लड़ते हुए, अस्पतालों में, सड़कों पर, दुकानों में, कारखानों में, ऐसी जगहों पर जहाँ काम करना ही है।

व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले लोगों को बता दूँ कि मुम्बई एअरपोर्ट पर चीन और दक्षिण पूर्वी एशिया से आने वाले यात्रियों की जाँच फ़रवरी की शुरुआत से ही होने लगी थी, यूरोपियन देशों से आने वालों की मार्च की शुरुआत से और बाकी देशों से आने वालों की जैसे ही वहाँ संक्रमण का पता चला। (हम यहाँ दिन रात देश में आने वाली flights का समय, अनुमति, कैसे आना है, कहाँ जाना है सब देख रहे हैं हमेशा से, सुरक्षा से अपना काम करते हुए)। जाँच में यदि आप में लक्षण हैं तो आपको वहीं रोककर quarantine facility में भेजा जाता है, वहाँ भी कई लोग सुविधाओं की कमी की शिकायत करते हैं यह भूलते हुए कि उन्हें संक्रमण रोकने के लिए वहाँ रखा गया है। अब कई यात्री visible symptoms को छिपाने के लिए दवाएँ लेकर land करते हैं जिससे तत्काल समय के लिए कोई लक्षण ना दिखें, ज़ाहिर है screening में सही पाए जाने पर उन्हें centre में ना रखकर self quarantine होने को कहा जाता है एक seal लगाकर जिससे वे सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सन्क्रमित ना करें। यह 14 दिन का समय होता है क्योंकि यह वायरस आपके शरीर से लड़ता है और जिस दिन आपकी प्रतिरोधक क्षमता पर हावी हुआ आप 14 में से सिर्फ़ उसी दिन से सन्क्रमित पाए जाएँगे।

Self quarantine का मतलब है कि आप तुरंत किसी जगह पर स्वयं आईसोलेट हो जाएँ। पर यहाँ भी लोग अपने यात्रा विवरण छिपाते हुए आगे किसी और साधन से यात्रा पर निकल जाते हैं। इतने स्वार्थी होकर कि ट्रेन, ऑटो, सहयात्री सबको संक्रमण फ़ैलाते हुए जिसका पता 15 दिन बाद चलेगा और तब तक यह एक Geometric Progression की तरह बढ़ चुका होगा। आप बाहर से आते हैं और देश के सुदूर इलाकों में सब कुछ जानते हुए भी सबको खतरे में डालते हैं। आप पढ़े लिखे समझदार हैं आपको मालूम है कि घर से बाहर सोच समझकर निकलना है क्योंकि आप अपने साथ कई लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं। फ़िर भी आप बाहर घूमने निकल रहे हैं, खाने जा रहे हैं, भीड़ में इकट्ठा होकर पार्टी कर रहे हैं, बोरियत दूर कर रहे हैं तो आपके लिए क्या किया जाए। आपको लगता है यह बीमारी आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी पर आप यह भूल जाते हैं कि यह आपके किसी अपने को आसानी से चपेट में ले लेगी या किसी और के अपने को। या तो आप यह भूल गए हैं कि quarantine period vacation नहीं है या आप निहायती इग्नोरेंट हैं। इतना तो वो workers भी समझने लगे हैं जिन्हें इसके बारे में पता नहीं था। वो बेचारे तो कभी देश से बाहर गए भी नहीं लेकिन डर में तो वो भी जी रहे हैं।

यह सब जो ऊपर उदाहरण दिए हैं काल्पनिक नहीं हैं, ऐसा लोगों ने किया है। अभी कुछ घंटों पहले पता चला कि जहाँ लोग अभी तक सुरक्षित थे वहाँ भी ऐसे लोग पहुँचकर संक्रमण फ़ैला चुके हैं और अब वहाँ के अधिकारी पता कर रहे हैं कि कौन कौन affected हो सकता है। ना सिर्फ़ काम बल्कि खतरा भी बढ़ा। इन लोगों को अब भी centre में quarantine होने में तकलीफ़ है। हद तो तब हो गई जब पता चला कि कल रात एक domestic flight में 4 यात्री ऐसे थे जिन्हें self quarantine में होना चाहिए था। जानकारी मिलने पर कार्यवाही की गई पर आप मूर्खता की सीमा समझिए। कितने लोगों की जानें जोखिम में डाली गईं। ये लोग किसी और देश में होते तो इन्हें quarantine नहीं जेल में भेजा जाता पर हमारे यहाँ तो चल जाता है सब।

जिन्हें समस्या अभी भी गम्भीर नहीं लग रही उन्हें यह जानकारी होगी कि इटली में अब क्या हालात हैं। जिस तरह से हमारे देश में लोग जा रहे हैं छोटे शहरों में शुरुआत हो ही चुकी है, अब अगर गाँव देहातों में भी हो गई तो मुश्किल हो जाएगी। मुम्बई के ही slums में शुरुआत होना खतरनाक है। हमारे आपके घर, कार्ड्स, पहचान पत्र, यात्रा, कॉन्टैक्ट्स, मकान नम्बर पता करना आसान होता है, उनका नहीं। और यहाँ से सब black hole zone में चला जाता है। अब आप पता करते रहिए।

इतना कुछ लिखने का मतलब तभी होगा जब आप अपनी ज़िम्मेदारी समझेंगे। आपका कर्तव्य। किसी को भी आपकी ताली या शाबाशी नहीं चाहिए। आप बस एक छोटा सा योगदान दें। जब तक ज़रुरी ना हो घर से बाहर ना निकलें, संक्रमण कम करने में मदद करें। आप से मिले इसी योगदान को हम सम्मान समझकर आभारी रहेंगे। आप व्यायाम घर पर भी कर सकते हैं, लोगों से मिलने के बजाय फोन पर बात कर सकते हैं, इंटरनेट का उपयोग कीजिए, कोई नई विधा सीख लीजिए , आत्ममंथन कर लीजिए । दवाएँ, राशन, दूध मिलता रहेगा, ऑनलाइन भी और दुकानों पर भी।

बस एक ही विनती है, जैसा कि सभी कहते हैं

"हम आपके लिए काम पर रुके हैं, आप हमारे लिए घर पर रुक जाईए ।"

~This is not just my voice, but of those involved in all essential services these days, including our Air Navigation Services.

No comments:

Post a Comment

Please leave an imprint of your thoughts as a response. It will be a pleasure to read from you. :)