गर्त नहीं है मेरा हमसाया मैं तो यहीं हूँ,
दुआओं की बालीदगी और पासबाँ बनकर,
तूफ़ान निकले कई मेरी तलवार आब-दार बनाकर,
मैं तो अब भी क़ासिद-ए-सबा, तालिब-ए-उन्स हूँ,
मुख्तलिब लगी तो मुझे रक़ीब समझ लिया,
रिवायत-ए-ज़माना यही कहता आया है,
एहतेसाब का आफ़्ताब मैंने आफरीन ही किया ,
एहतेराम तो उनका भी और इस ताक़ूब का भी किया,
नज़र तो अब भी आती है खलिश दुनिया में,
अपनी ही गफलत से परेशान चर्ब - ज़बान लोग,
पादाश की आग में जलते नादिम शख़्स,
जाने कितनी एहतियाज-ए -इफावह है उन्हें,
जो अँधेरे में नूर देखना वाज़िब ना समझें,
वो नूर-ए- एजाज़ ढूंढने मैं एक मुसलसल फ़िराक में हूँ,
अमन का एहतेजाज में नहीं ख़ामोशी के रक़्स से रूबरू होने,
ख़ाक में मिले बाहम हो जाते हैं राहत-अफ़्ज़ा बनकर,
ताख़ीर भी हो पर वो आबिद-ए-फ़लक हर रूह के साज़-गार हैं,
जो इफ्शा-ए-सबाह यहाँ मक़बूल बनाकर रहते हैं,
जब एक भी ऐसा राज़दान ना दिखा यहाँ ,
चश्म-ए -फ़ाख़िर का माद्दा रूह में लिए निकली मैं,
दफ़्न हैं कुछ क़िस्से हाफ़िज़ाह, कुछ इब्तिला बनकर,
मुझे याद हैं वो अख़लाक़ -ए-फ़ाज़िल मेरे बाँकपन के लिए,
जब मैं इस जहाँ की ख़ाक में सिफर बनकर मिल जाऊँ कभी,
मेरा सफ़र रहेगा इबारत बनकर कि मैं एक आबशार रहूँगी,
मौतजा-ए-ख्वाबीदा को जीने के लिए मयस्सर रही,
कैसे मैं अपना तारुफ़ करवाऊँ , मैं तो तूफानों में भी बदस्तूर रही,
वो बेख्वाबी के आलम में ख़ुद से मसरूफ़ होकर ताबीर करने के लिए.
Glossary(as per the above context):
इफ्तिताह= Honour,
बालीदगी= Growth,
पासबाँ= Protector,
आब-दार= Polished,
क़ासिद-ए-सबा=Messenger of morning,
तालिब-ए-उन्स= Seeker of love,
मुख्तलिब= Different,
रक़ीब= Rival,
रिवायत= Tradition,
एहतेसाब= Criticism,
आफ़्ताब= Listen/Hear,
आफरीन= Appreciation,
एहतेराम= Respect,
ताक़ूब= Pursuit,
खलिश= Anxiety,
गफलत= Guilt,
चर्ब - ज़बान= Sharp-tongued(here),
पादाश= Revenge,
नादिम= Ashamed,
एहतियाज-ए -इफावह = Necessity for Healing,
नूर= Radiance,
वाज़िब= Justified,
नूर-ए- एजाज़= Miracle of Light,
मुसलसल= Constant,
फ़िराक= Intention,
एहतेजाज= Argument,
रक़्स= Celebration,
बाहम= Together,
राहत-अफ़्ज़ा= Adding to comfort,
ताख़ीर= Delay,
आबिद-ए-फ़लक= Devotees of the sky,
साज़-गार= Favourite,
इफ्शा-ए-सबाह= Disclosing secrets of the dawn,
मक़बूल= Approved,
राज़दान= Trustworthy,
चश्म-ए -फ़ाख़िर= Precious hope,
माद्दा= Substance,
हाफ़िज़ाह= Good memories,
इब्तिला= Suffering,
अख़लाक़ -ए-फ़ाज़िल= Virtue of proficiency,
बाँकपन= Smartness,
सिफर= Nothingness,
इबारत= Composition,
आबशार= Waterfall(Continuous, here),
मौतजा-ए-ख्वाबीदा= Dreams of miracle,
मयस्सर= Available,
तारुफ़= Introduction,
बदस्तूर= Unaltered,
बेख्वाबी= Insomnia,
मसरूफ़= Involved(facing, here),
ताबीर= Interpretation(introspection, here)
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