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Sunday 21 February 2016

इफ़्तिताह - ए - सफ़र



Note: Please refer to the Glossary below these lines for Urdu vocabulary. 

गर्त नहीं है मेरा हमसाया मैं तो यहीं हूँ,         
दुआओं की बालीदगी और पासबाँ  बनकर,                                
तूफ़ान निकले कई मेरी तलवार आब-दार बनाकर,   
मैं तो अब भी क़ासिद-ए-सबा, तालिब-ए-उन्स हूँ,     
मुख्तलिब लगी तो मुझे रक़ीब समझ लिया,

रिवायत-ए-ज़माना यही कहता आया है,                                          
एहतेसाब का आफ़्ताब मैंने आफरीन ही किया ,
एहतेराम तो उनका भी और इस ताक़ूब  का भी किया,
नज़र तो अब भी आती है खलिश दुनिया में,
अपनी ही गफलत से परेशान चर्ब - ज़बान लोग,
पादाश की आग में जलते नादिम शख़्स,
जाने कितनी एहतियाज-ए -इफावह  है उन्हें,
जो अँधेरे में नूर देखना वाज़िब ना  समझें,
वो नूर-ए- एजाज़ ढूंढने मैं एक मुसलसल फ़िराक में हूँ,
अमन का एहतेजाज में नहीं ख़ामोशी के रक़्स से रूबरू होने,
ख़ाक में मिले बाहम हो जाते हैं राहत-अफ़्ज़ा बनकर,
ताख़ीर भी हो पर वो आबिद-ए-फ़लक हर रूह के साज़-गार हैं,
जो इफ्शा-ए-सबाह यहाँ मक़बूल बनाकर रहते हैं,
जब एक भी ऐसा राज़दान ना  दिखा यहाँ ,
चश्म-ए -फ़ाख़िर का माद्दा रूह में लिए निकली मैं,
दफ़्न हैं कुछ क़िस्से हाफ़िज़ाह, कुछ इब्तिला बनकर,
मुझे याद हैं वो अख़लाक़ -ए-फ़ाज़िल मेरे बाँकपन के लिए,
जब मैं इस जहाँ की ख़ाक  में सिफर बनकर मिल जाऊँ कभी,
मेरा सफ़र  रहेगा इबारत बनकर कि  मैं एक आबशार रहूँगी,
मौतजा-ए-ख्वाबीदा को जीने के लिए मयस्सर रही,
कैसे मैं अपना तारुफ़ करवाऊँ , मैं तो तूफानों में भी बदस्तूर रही,
वो बेख्वाबी के आलम में ख़ुद से मसरूफ़ होकर ताबीर करने के लिए.


Glossary(as per the above context):
 इफ्तिताह= Honour,
 बालीदगी= Growth,
पासबाँ= Protector,
आब-दार= Polished,
क़ासिद-ए-सबा=Messenger of morning,
तालिब-ए-उन्स= Seeker of love,
मुख्तलिब= Different,
रक़ीब= Rival,
रिवायत= Tradition,
एहतेसाब= Criticism,
आफ़्ताब= Listen/Hear,
आफरीन= Appreciation,
एहतेराम= Respect,
ताक़ूब= Pursuit,
खलिश= Anxiety,
गफलत= Guilt,
चर्ब - ज़बान= Sharp-tongued(here),
पादाश= Revenge,
नादिम= Ashamed,
एहतियाज-ए -इफावह = Necessity for Healing,
नूर= Radiance,
वाज़िब= Justified,
नूर-ए- एजाज़= Miracle of Light,
मुसलसल= Constant,
फ़िराक= Intention,
एहतेजाज= Argument,
रक़्स= Celebration,
बाहम= Together,
राहत-अफ़्ज़ा= Adding to comfort,
ताख़ीर= Delay,
आबिद-ए-फ़लक= Devotees of the sky,
साज़-गार= Favourite,
इफ्शा-ए-सबाह= Disclosing secrets of the dawn,
मक़बूल= Approved,
राज़दान= Trustworthy,
चश्म-ए -फ़ाख़िर= Precious hope,
माद्दा= Substance,
हाफ़िज़ाह= Good memories,
इब्तिला= Suffering,
अख़लाक़ -ए-फ़ाज़िल= Virtue of proficiency,
बाँकपन= Smartness,
सिफर= Nothingness,
इबारत= Composition,
आबशार= Waterfall(Continuous, here),
मौतजा-ए-ख्वाबीदा= Dreams of miracle,
मयस्सर= Available,
तारुफ़= Introduction,
बदस्तूर= Unaltered,
बेख्वाबी= Insomnia,
मसरूफ़= Involved(facing, here),
ताबीर= Interpretation(introspection, here)

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